Dil akhir tu kyu rota hai
दिल आखिर तू क्यों रोता है
जब जब दर्द का बादल छाया ,
जब गम का छाया लहराया
जब ये तनहा दिल घबराया
हमने इस दिल को समझाया दुनिया में यूँ ही होता है
ये जो गहरे सन्नाटे है वक़्त ने सबको ही बाँटे है
थोड़ा गम है सबका किस्सा ,थोड़ी धुप है सबका हिस्सा
आँख तेरी बेकार ही नम है, हर पल एक नया मौसम है
क्यों तू ऐसे पल खोता है दिल आखिर है
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