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यशवंत यादव ( पत्थलगांव ) |
बैंक अकाउंट में टाइम जमा करवाया
आप कल्पना कीजिये कि दुनिया में एक ऐसा बैंक है जो हर रोज सुबह आपके खाते में कुछ ८६,४०० रुपया जमा करती है और वो भी मुफ्त में। अब बैंक का नियम कुछ ऐसा है , आपको रात को सोने से पहले वो सारे रूपये खर्च करना है , चाहे आप उन रुपयों से कुछ भी करे, कुछ भी ख़रीदे और कही पर भी जाएं। बस आपको कैसे भी करके उन रुपयों को खर्च करना है। रात को जब आप सोते है उस वक्त आपके बैंक अकाउंट में जितने पैसे बचेंगे वो बैंक आपके अकाउंट से वापस ले लेगी और यह सिलसिला तब तक जारी रहेगा जब तक आप जिन्दा रहेंगे। अगर आप उन सभी रुपयों को खर्च कर सकेंगे तो बदले में बैंक आपसे कुछ भी नहीं वसूलेगी क्योकि बैंक आपको मुफत में दे रही हैं।
ऊपर की बात तो सिर्फ एक कल्पना मात्र थी, पर अब जो कहने जा रहा हु वो बिलकुल सच है। दुंनिया के हर इंसान के पास एक ऐसा बैंक अकाउंट है और इसका नाम है टाइम या समय। जो हर रोज आपके समय अकाउंट में ८६,४०० सेकंड जमा करती है जब आप उठते है तब आप कुछ इतना समय आपके अकाउंट में पाते है , वो भी बिलकुल मुफ्त में।
जैसे काल्पनिक बैंक के नियम थे वैसे ही नियम समय के बैंक के है। सुबह आपके उठने के साथ ही आपका समय अकाउंट शुरू हो जाता है और आपके सोने के बाद वो अकाउंट बंद हो जाता है।
तो यह है आपका असली बैंक अकॉउंट ,जहां पर पूरी छूट मिलती है आपके समय रुपया पैसो को खर्च करने की फिर चाहे आप उसे कैसे भी खर्च करे। जरुरत से ज्यादा भी नहीं और जरुरत से कम भी नहीं , आपको रोज पर्याप्त समय मिलता है और रात हो जाने के बाद वहाँ से कोई वापसी नहीं हैं।
तो यह मेरी और आपकी रोजाना ज़िन्दगी , जहा पर झोपड़ी में रहने वाले छोटे इंसान से लेकर बड़े - बड़े बंगले में रहने वाले अमीर इंसान तक सभी को एक सामान रूप में समय दिया जाता है।
अगर आपने दिए हुए समय को ठीक से उपयोग किया और उसका जो फल मिलता है वो आपका है। अब आपके हाथ में है की आप इस समय रुपया पैसो को कैसे खर्च करते है। अगर आप अपने समय का उपयोग करने में विफल रहे तो उसके ज़िम्मेदार भी आप स्वयं ही होंगे। प्रत्येक दिन यह बैंक आपके लिए एक नया खता खोलती , तो फिर देर किस बात की है ? अभी से शुरू कर दीजिये इस काल्पनिक पैसो को खर्च करने की।
"समय-प्रबंधन का सही अर्थ केवल यह है की जब भी करो , जो कुछ भी , तो ऐसे करो की केवल वही हो। "
समय जा वही टुकड़ा आपका अपना होता है , जिसका आप उपयोग करते हैं।
अब आप गुजरे समय पर अफ़सोस कर रहे होते , उस समय भी समय गुजर होता है।
- छात्र की कलम से
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